कोलेस्ट्रॉल बढ़ना और हार्ट की प्रॉब्लम होना इन दिनों बहुत सुनने में आता है। पहले यह परेशानी अधिक उम्र में होती थी। लेकिन अब कम उम्र में ही कोलेस्ट्रॉल , ब्लड प्रेशर , डायबिटीज होना सामान्य सी बात हो गई है। इसके मुख्य कारण अधिक चिकनाई युक्तखाना , धूम्रपान , तनाव और कम शारीरिक गतिविधि आदि हैं। इन सब कारणों से खून में कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है। ये कोलेस्ट्रॉल धमनियों में जम जाता है जो हार्ट की समस्या का कारण बनता है।
कोलेस्ट्रॉल एक तरह का फैट या लिपिड ( Lipid ) होता है जो लीवर बनाता है। ये शरीर की कार्यविधि के लिए जरूरी होता है। शरीर की हर कोशिका ( Cell ) को कोलेस्ट्रॉल की जरूरत होती है चाहे वो कोशिका दिमाग की , दिल की , लीवर की हो या मांसपेशी और त्वचा की । कुछ जरुरी हार्मोन्स भी इसकी मदद से बनते है। जब रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा निर्धारित स्तर तक होती है तो किसी प्रकार की समस्या नहीं होती रक्त आसानी से नसों और धमनियों में दौड़ता रहता है। लेकिन जब रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक हो जाती है तो ये नसों और धमनियों में जमना शुरू हो जाता है। इस वजह से हार्ट प्रॉब्लम होने लगती है ।
कोलेस्ट्रॉल लगभग तीन प्रकार का होता है
एल.डी एल. कोलेस्ट्रॉल – यह हानिकारक कोलेस्ट्रॉल रक्त वाहिकाओं में जमता रहता है, जिस से वे भीतर से
संकरी हो जाती है और उनमें दौडने वाले खून के प्रवाह में बाधा उत्पन्न होने से हार्ट अटैक व् हाई ब्लड प्रेशर जैसी गंभीर बिमारिओं का खतरा भाड़ जाता है। ये कोलेस्ट्रॉल सिर्फ दिल के लिए ही नुकसान देह नहीं है बल्कि ये दिमाग , किडनी ,आंतों आदि की रक्त वाहिकाओं में भी रक्त का बहाव अवरुद्ध करके उन्हें क्षति पहुंचा सकता है।
एच.डी.एल. कोलेस्ट्रॉल – यह लाभदायक कोलेस्ट्रॉल माना जाता है। खून में इसका सही सत्तर बना रहने से हृदय रोगो की सम्भावना काम हो जाती हैं। यह ख़राब और हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को शरीर से बहार निकलने में मदद करता है।
ट्राइग्लिसराइड कोलेस्ट्रॉल – ट्राईग्लाइसराइड वो फैट होते है जो हमारा शरीर उस समय ताकत देने के लिए बचा कर रखता है जब हम कुछ नहीं खाते। ये भोजन से मिली अतिरिक्त कैलोरी है जिसकी इस वक्त जरूरत नहीं है लेकिन बाद में जरूरत हो सकती है। जरूरत के समय इस फैट से एनर्जी मिल सकती है। हम जितनी कैलोरी ले रहे है उतनी नहीं जलाते तो रक्त में ट्राईग्लाइसराइड की मात्रा बढ़ जाती है। यह भी शरीर के लिए हानिकारक होता है। विशेषकों के अनुसार हार्ट अटैक जैसी घम्बिर बीमारी में इसका योगदान सबसे ज्यादा रहता है .
कोलेस्ट्रॉल की सही मात्रा का स्तर इस प्रकार है :
कोलेस्ट्रॉल या लिपिड प्रोफ़ाइल की जांच खाली पेट करवानी चाहिये। इस जांच के अनुसार कोलेस्ट्रॉल जितना होना चाहिए उस स्तर पर है तोबहुत अच्छा है। यदि आप खतरे की सीमा में आते है तो आपको अपने खाने पीने और दिनचर्या में बदलाव की जरूरत हो सकती है। यदि आप खतरनाक स्तर में है तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। हो सकता है आपको कुछ दवाएँ खानी पड़े।
होना चाहिए | खतरे की सीमा | खतरनाक | |
कोलेस्ट्रॉल | < 200 mg /dl | 200-239 mg/dl | > 240 mg/dl |
ट्राईग्लाइसराइड | < 150 mg /dl | 150-199 mg/dl | > 200 mg/dl |
एच डी एल HDL | > 60 mg/dl | 40-60 mg/dl | < 40 mg /dl |
एल डी एल LDL | < 100 mg/dl | 130-159 mg/dl | > 160 mg/dl |
तो दोस्तों हमने ये तो जान लिए की कोलेस्ट्रॉल आखिर है क्या और ये हमारे शरीर के लिए कितना नुकसानदायक है। अब हम आपको बताते हैं की कैसे घर बैठे बस कुछ खान पान में बदलाव से आप कोलेस्ट्रॉल को काम कर सकते हैं और निरोगी शरीर पा सकते हैं।
कोलेस्ट्रॉल कम करने के आसान उपाय:
- दोस्तों फल व् सब्जिआ खूब खाये क्योकि इनमे प्रचुर मात्रा में रेशा होता है। हरी पत्तेदार सब्जिआ व् उनका जूस पियें। टमाटर, गाजर, सेवफ़ली, नारंगी, पपीता इतियादी का सेवन करें क्यूंकि इनमे रेशे की मात्रा अधिक व् फैट की मात्रा बहुत ही कम रहती है।
- साबुत अनाज,भूरे चावल,जौ,सोयाबीन का उपयोग करना अत्यदिक लाभकारी है। विशेष कर सोयाबीन में उच्च कोटि का प्रोटीन होता है। आलू और चावल में कोलेस्ट्रॉल और सोडियम नही होते है इसीलिए खाने में इनकी अनदेखी नहीं करनी चाइये।
- एक अनुसंधान में यह तथ्य सामने आया है की काली और हरी चाय का उपयोग भी कोलेस्ट्रॉल के नियंतरण में अत्यधिक लाभकारी है। ज्यादा चाय पीने वाले लोगों को हार्ट अटैक होने की सम्भावना काम रहती हैं। लेकिन यद् रहे की चाय बिना दूध व् शकर की हो तभी फायदा मिलेगा।
- तेल और वनस्पति घी में तली है वस्तुए खाने से भी शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल तेजी से बढता है इसलिए इनसे बचना चाहिए। दाल व् सब्जी का स्वाद मसलो से बढ़ाये न की तेल व् घी के प्रयोग से। अगर इनका इस्तमाल करें बी तो बहुत ही कम मात्रा में करें। हम आपको ये बी बताना चाहेंगे की जैतून का तेल कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में काफी मददगार है।
- लहसुन का प्रयोग करने से भी कोलेस्ट्रॉल घटता है। सुबह सुबह लहसुन की ३-४ कच्ची कलि चबा कर खाएं। लहसुन में खून को पतला करने के तत्व मौजूद होते हैं जो खून को गाढ़ा होने व् उसमे थक्के बनने से रोकते हैं। भोजन में बी प्रयाप्त मात्रा में लहसुन का प्रयोग करें। इसके अलावा कच्चा प्याज, अखरोट व् बादाम अदि भी समुचित मात्रा में सेवन में लाएं।
- मांस खाने से भी कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है इसीलिए शाकाहार को अपनाये। अपनी दैनिक दिनचर्या में शक्कर का इस्तेमाल भी काम से काम रखने की कोशिश करें।
- नियमित रूप से व्यायाम करने से भी कोलेस्ट्रॉल लेवल में रहता है इसी लिए अपनी दिनचर्या में योग, प्राणायाम व् व्ययायाम को जितना जल्दी हो सके अपना लें।
- शोध से ये पता चला है की धनिया के बीज भी टोटल कोलेस्ट्रॉल को काम करने में मददगार हैं। धनिया के बीजों में ह्य्पोग्ल्य्सिमिक इफ़ेक्ट भी होते हैं जो मधुमेह जैसी बिमारिओं के निवारण में मदद देते हैं। इसका सेवन इस प्रकार करें : दो चमच धनिया के बीजों के पाउडर को एक कप पानी में मिलाएं ; अब इस मिश्रण को उबाल कर छान लें और दिन में दो बार सेवन करें। इसे आप दूध,इलाइची व् थोड़ी सी चीनी मिलकर चाय की तरह भी सेवन कर सकते हैं।
- सेब का सिरका भी हमारे शरीर में टोटल कोलेस्ट्रॉल व् ट्राइग्लिसराइड को काम करने में मदद करता है। इसके साथ ही यह अन्य परेशानिओ जैसे एसिड रेप्लैक्स,उच्च रक्तचाप, गाउट व् साँस के संक्रमण को ठीक करने का अच्छा घरेलु उपचार मन जाता है। एक चमच आर्गेनिक एप्पल सीडर विनेगर को एक गिलास पानी में मिला कर दिन में दो बार सेवन करने से आपको अच्छे लाभ मिलेंगे।
- मछली के तेल में ओमेगा ३ फैटी एसिड होते हैं जो शरीर में जमी वासा और ट्राइग्लिसराइड को काम करते हैं। रोज़ लगभग २ से ४ ग्राम मछली के तेल का सेवन करें। यदि आप शाकाहारी हैं तो मछली के तेल की जगह अलसी के बीजों का सेवन करे जिनमे भरपूर मात्रा में ओमेगा ३ फैटी एसिड पाए जाते हैं।
होम्योपैथी इलाज़ : कई होम्योपैथिक डॉक्टर का सुझाव लेते हुए ऐसे रोगियों को जिनके रक्त में अधिक कोलेस्ट्रॉल है, निम्नलिखित होम्योपैथिक उपचार दिया जाता है जिससे 6 सप्ताह से लेकर 6 महीनों के बीच रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा सामान्य हो जाती है ।
लाइकोपोडियम 80 और काडुअस एम. Q 5 बूंद भोजन के बाद पर्यायक्रम से। कुछ केसेज़ में बरायटा कार्बया बरायटा मूर भी सहायक है। उच्च रक्तचाप के साथ कोलेस्ट्राल की अधिकता वाले केसेज़ में बरायटा मूर एक तीर से दो शिकार करता है। अन्य केसेज़ में एंटिम क्रूड 30 या पल्साटिला 30 भी कोलेस्ट्रॉल कम करने में सहायक होते हैं।